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Rupade Ki Janampatri: Folk Tale (Vol. IV)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1980-04-26 |
Description | लोक कथा: रुपादे की जन्म पत्री । रुपादे के विवाह में मालजी के साथ दहेज में गुरुजी की वस्तुए व धारु मेगवालख पाडण भाय, घोड़ो गंगाजल, लाखे नाग व कामणियो का वचन मांगना। फेरो के गीत, विवाह गीत, बारात प्रस्थान करना। रुपादे के गुरु का आना व परीक्षा लेना, धारु के पास जम्मो लगाने का कहना। धारु का बाजार जाना व रेत की गाँठ में फुल बनना। जमा के उगमजी द्वारा वायक भीजवाना व सन्तो का आना। पाबू हडबू, रामदेवजी का आना, पीरो का आना व धारु का रुपादे के पास जाना। गुरु कृपा से धारु को भेजना। रुपादे द्वारा ताका नाग को सिवरना। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Oral Traditions |
Content Type | Audio |