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Pandav Ki Janampatri: Rajasthani Folk Tale (Vol. III)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1987-10-01 |
Description | महाभारत काल में पांडवों की जन्म पत्री का विवरण । गुरु दुरवासा द्वारा पांडुवो का सत भापना व आशीर्वाद देना, अर्थावणा। दा्रेपद रानी राजा द्रोपद के घर अवतार लेना व स्वयवर करना। अर्जुन से विवाह करना। भुलवश माता का आज्ञा देना जिससे द्रोपदी का विवाह पाच पांडवों से होना और हस्तिनापुर आना। भीम को प्रागवड़ की चैकी के लिए भीम को भेजना। पदम सिंधासण का उतरना व सभी देवताओ को आना। छतीस करोड़ देवी देवताओ का आना, अर्थावणा। सिंधासन पर दो्रपदी का आकर बैठना व देवताओ का अभिवादन करना। श्री कृष्ष्ण व द्रोपदी की वार्ता, अर्थावणा। भीम का चैकी से वापस आना व माता के सामने भीम का रुदन करना। माता को द्रोपदी से वचन लेना व महल जाना, अर्थावणा। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Oral Traditions |
Content Type | Audio |