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Rupade Ki Janampatri: Folk Tale (Vol. I)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1988-04-25 |
Description | लोक कथा: रुपादे की जन्म पत्री - चेला व महाराज पाटण जाने का कहना। चेला झोली लेकर पारण जाना। पाटण में भीक्षा नही देना व कुम्हारी द्वारा भीक्षा देना। चेला गुरु का कोतवाल लेकर लुहार के यहाँ जाना। चेला जगल से चंदन की लकड़ी लाना व महाराज की पोल खुलनां शेहरा का पापी नगरी बतानां। कुम्हारी को पाटण से बाहर करना। श्राप देना पाटण बनाना। कुम्हार का अगला जन्म होना। जन्म में रावल भाल व कुम्हारी को उलजी जी महाराज के घर जन्म लेना। काठियावाड़ से घोड़ा देने का वचन देना अलजी के द्वारा। लड़की पिता का वचन पूरा करने को कहती है। लालजी गुरु को याद करना। ताला तोड़ना व मालजी घोड़ा लेकर जाना। बड़ के नीचे सोना। काठियावाड़ में फरियाद करना। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Oral Traditions |
Content Type | Audio |