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Pandav Ki Janampatri: Rajasthani Folk Tale (Vol. VIII)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1987-10-03 |
Description | महाभारत काल में पींड राजा की मुक्ति - अभय मुनि व माता पदमा की वार्ता जिसमे अर्जुन को संजीवन करने हेतु वार्ता व नाना द्वारा कुम्पा देना। अर्जुन का पुर्नजिवित होना। गैडे की खाल व धास लेकर वहां से हस्तनापुर लौटना। अर्जुन का रानी पदमा का पुत्र, अभयमुनि व गैडा के साथ हस्तनापुर आना व पांडुवा को उन्हे वादना । लंका से सोन व गंगा जल की झारी लाने हुतु बीड़ा फेरना। भीम द्वारा बीड़ा उठाना। भीम द्वारा नक्षत्र देखकर लंका को प्रस्थान करना व डाकण द्वारा रास्ता रोकना वहां से चलकर भीम का लंका पहुचना व भीम द्वारा सोना लेकर हस्तनापुर लौटना। सहदेव का गंगा जल की झारी हेतु गंगा के घाट आना व गंगा से बिनती करना। सहदेव द्वारा गंगा की झारी भरकर वापस आना। गैडा का विवाह करना। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Oral Traditions |
Content Type | Audio |