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Rajasthan Brooms Film Tour
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 2010-02-20 |
Description | कुम्हार द्वारा मटकी की पेंडलिग करते हुए। अपने घर की सफाई करती महिला। वक्ता द्वारा बताना की हमारी जाति में जोगी हैं और बांस के ओडिया (बड़ी छाबड़ी) बनाते हैं। बांस को जंगल से काट कर लेकर आते हैं जिसके लिये लिखित में सरकारी अनुमति प्राप्त कि जाति हैं। एक बार मे कम से कम 25 से 35 बांस लेकर आ सकते हैं। सरकारी खजाने मे हर महिने 500 रूपये जमा करने पड़ते हैं। वक्ता द्वारा बताना की यह घास झूझळी हैं जो बुवारी बनाते हैं। खजुर का बुवारा होता हैं जो घर के बाडे में काम लेते हैं। खजुर की कटाई करती महिला और भारी बनाती हुई। उसके बाद घर ले जाकर खजुर की बुवारी बनाती हैं और उनके पत्तियों का जमा देती हैं। ऊँट का छोटा बच्चा जैसे करेडकी कहते हैं। लोक गीत - धन धन नही मार मेतो बटा परायें घरें। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Traditional Knowledge |
Content Type | Video |