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Rajasthan Brooms Film Tour in Kotada
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 2010-02-18 |
Description | खजुर के झाड़ू को बोधने के लिए ट्यूब की पतली लीरी को काटना। खजुर के झाड़ू बनाने वालों के निवास स्थान तथा सड़क के किनारे पर लगी उनकी दुकान जिस पर ग्राहक आकर झाड़ू को देख कर खरीदते हैं। कचरे में से प्लास्टीक को चुगता व्यक्ति जो बाद बाद में कबाड़ की दुकान पर बेच देता हैं। 100 पेड़ों के 400 सौ से 500 रूपये में खरीद कर कच्चा माल की कटाई करते हैं और खजुर के ताते निकाल कर उसका मुठीया बनाकर खजुर की डोरी से बांध देते हैं। खजुर के पेड़ों से कच्चा माला उतारने के बाद उनकी भारी बनाई जाती हैं। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Traditional Knowledge |
Content Type | Video |