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Bhagrawat Katha (Vol. II)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1978-03-08 |
Description | बगड़ावतों की पड़ का द्वितीय भाग: गुरु जी द्वारा राणी जेमती को लाने की बात तथा भगवान के दर्शन करने की बात । साडू माता द्वारा दासी को बुलाना। गुरुजी को ओलबा देना। नीहाजी व साडू माता के बीच की वार्ता । साडू माता द्वारा विदाई करना। 24 भाईयो की हीरा मोतीयों से आरती करना। घोड़ी व घोड़ो को दारु पिलाना तथा घोड़ो व घोड़ीयों का श्रृंगार करना। ;कंवली घोड़ी पर सोन की जीण लगाना व श्रंगार कर पुरे शहर धुमाना। राणी द्वारा हीरा दासी को मड़ी पर चढकर सवाई भोज के आने को देखना व बागौ मे मोर, पपेहा व कोयल का बोलना। राणी का बादल महल से खड़ी होकर सवाई भोज की प्रतीक्षा करना लेकिन सवाई भोज के शब्दो के बाण से हृदय को चोट लगना। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Epic |
Content Type | Audio |