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Bhagrawat Epic (Vol. II)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1974-06-14 |
Description | लोक गीत - रायजादों बन्नो तोरण पर आयो कांगण कुण करियो ;लोक गीत - परणे बीरो चालीयो म्हारो जगजीत चालियो ;लोक गीत - अलणी सो मलणी करणी री वीयई अ छोरिया कब ;लोक गीत - ओ तो घड़ी रै साथ रौ मैलो रे म्हैरा लगडीया वीयाई ;लोक गीत - ऊपर सू तो सूरज तपगियो रै नीच से धरती तपगी ; लोक गीत - छोरी घणी बड़ी हो गई सी इरो छोको छोरो बियासी ;वार्ता - श्री कोमल कोठारी द्वारा कलाकारों के साथ बगड़ावत पर वार्ता जैसे ढाक बगड़ावतों मे कहाँ बजाई जाती है। गोठ और बखाड़ किसे कहते है और उससे जुड़े तथ्यो पर वार्ता । बगड़ावतो की लीला किसे कहते है और यह कब आयोजित होती है। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Epic |
Content Type | Audio |