Loading...
Please wait, while we are loading the content...
Bhagrawat Katha
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
---|---|
Spatial Coverage | 1976-11-09 |
Description | बगड़ावत की पड़ 2 - गूरुजी क्षरा नीहाजी का गवाली मांगना व गुरुजी क्षरा जौ देना, रास्ते मे पोठली से जो बिखर जाना, घर जाने पर पता चलना की गुरुजी द्वारा दिये गये जौं हीरे मोती बन गये है । राजा भोज का वापस गुरुजी क पास जाना। माया से पता लगना की गुरुजी स्नान करने गये है। भोज द्वारा गुरुजी की कुटीया का ताला खोलना और माया से रहस्य का पता लगाना। गुरुजी द्वारा 12 वष्र की माया और 12 वर्ष की काया का वरदान देना । गुरुजी द्वारा दी गई घोड़ी का श्रंगार करना और बगड़ावतों म माया की बात पर चर्चा करना। बगड़ावतो का काठीयावाड़ जाना व घोड़ो का खरीदना। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Katha |
Content Type | Audio |