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Discussion on Broom makers of Rajasthan (Vol. VI)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 2008-03-15 |
Description | वक्ता द्वारा जानकारी देना की खरणीया री खारारी व खजुर का झाड़ू को हावरणी कहते हैं। खजुर का झाड़ू बनाने वाले व्यक्ति से वार्ता जिसमें खजुर को प्राप्त करने के लिए एक खजुर के पेड़ के 10 से 15 रूपये देने पड़ते हैं। उसके बाद कच्चा माल घर लाकर झाड़ू बनाते हैं। एक पेड़ से 8 से 10 झाड़ू बनते हैं जिसका बाज़ार भाव 5 रू प्रति नग होता हैं। गांव में जजमानों के खेत से खजुर के पत्ते लाते हैं, और खजुर के पत्तो के बदले जजमानों को झाड़ू देते हैं। झाड़ू के बदले में वे हमें अनाज देते हैं। होली, दिपावली व रक्षाबन्धन के पर्व पर भी जजमानों को झाड़ू देते हैं और वे हमें अनाज देते हैं। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Traditional Knowledge |
Content Type | Video |