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Kuchamani Khayal (Vol. II)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1974-07-08 |
Description | कुचामनी ख्याल - कुचामनी ख्याल मारवाड़ी की एक मात्र लोक नाट्य परम्परा है जिसमे संगीत, नृत्य एवं नाटक का मिश्रित रुप देखने को मिलता है । भांड जाति के पेशेवर कलाकारों द्वारा कुचामनी लोक नाट्य शैली के रुप मे ग्रामीण आंचल में लाखो लोगों का मनोरजंन किया जाता है। कुचामनी ख़याल परम्परा लगभग 2-3 शताब्दीयों पूर्व मेड़ता और नागौर श्रेत्र में विकसित हुई है। मनोरंजन के श्रेत्र में फिल्मो के आगमन के बाद इस नाट्य शैली की परम्परा घटती चली गयी और आज कुछ ही कलाकार दस नाट्य परम्परा को जीवित रखे हुये है। इस लोक नाट्य शैली मे गायन की परम्परा के अंतर्गत राग माँड का प्रयोग किया जाता रहा है। माँड की इस गायन शैली में लावणी माँड के रुप मे अत्यधिक प्रचलित है। इस मीडिया मे लोक नाटक में पूरणमल जी के विवाही की तैयारी का विवरण, पूरणमल द्वारा कुँए को भरने की बात करना व माता द्वारा मना करनां राजा पूरणमल का रुठकर जाना तो माता द्वारा विलाप करना। राजा हरिशचन्द्र के दरबार मे कन्या का विवाह के बारे मे वार्ता। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Folk Theatre |
Content Type | Audio |