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The Epic of Pabu (Vol. III)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1972-11-23 |
Description | भवानी द्वारा बीड़ा सभा में उपस्थित लोगो के पास ले के जाना । हरमल देवासी द्वारा बीड़ा लेना कि वो लंका जा के वहा ऊँटो का पता करेगा। हरमल देवासी द्वारा अपनी माता से बातचीत करना ओर गुरु गोरखनाथ की शरण में जाना और गुरु द्वारा हरमल देवासी को गोटा और अंगुठी देना। हरमल देवासी द्वारा भगवा भेष धारण करना। हरमल देवासी का अपनी माता से मिलना ओर वार्ता करना ओर लंका जाने का रास्ता पुछना। रवाना होने से पहले हरमल देवासी का पाबू जी से मिलना और उनको प्रणाम करके लंका की ओर चलना। रास्तें में भूत (डाकण) से मिलना ओर उनको दण्ड देना और उनको भयभीत करना। हरमल देवासी का लंका पहुचना ओर वहाँ अपनी धुड़ी लगाना। लंका के देवासी लोगो द्वारा हरमल (भगवा भेष धारण किये हुये) से मिलना। गुरु गौरखनाथ द्वारा दिये गये गोटे और अंगुठी से लंका के देवासी को चमत्कार दिखाना। लंका में ऊँटों का पता करके हरमल देवासी का वापस अपने देश आना। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Oral Tradition |
Content Type | Audio |