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Folk Tale of Dulha Dhadi (Vol. I)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1996-02-07 |
Description | दुल्हाधाड़ी - दुल्हाधाड़ी का घोड़ा द्वारा बाप का बैर लेने की बात करना, माता द्वारा कहना खाश बैरी काका भैरुसिंह को झाड़ी में भागने से रोकना, मुह में घास डालकर जीवित रखने की बात करना और काका को हाथ बाधकर माता के पास लाना और बहन का ब्याव के बाद काका का सिर काटना। दिल्ली जाना और सुरमो को पकड़ना, दिल्ली को लूटना। राम जी के घर में काई घाटौ गीत, बुन्दी के हाडो की बारात का आना व विवाह करना, शराब का प्याला लेना। बहन का ब्याब करना, दिल्ली की लूट का सारा माल दहेज में देने की बात काका से कहना व बारात की विदाई करना। काका का शिश काटकर कुरजण में छुपाना। दुल्हाधाड़ी के बारे में बातचीत करना व भगवान राम व सरवण राम के माता पिता का नाम पुछना। पांडुआं का मंदिर बनाना व बादशाह द्वारा मंदिर पर मस्जिद व परचा देना ओर वचन सुनाना। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Oral Traditions |
Content Type | Audio |