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Kuchamani Khayal (Vol. IV): Set 2
Content Provider | IGNCA - National Cultural Audiovisual Archives |
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Spatial Coverage | Rupayan Sansthan, Jodhpur, Rajasthan |
Description | कुचामनी ख्याल - कुचामनी ख्याल मारवाड़ी की एक मात्र लोक नाट्य परम्परा है जिसमे संगीत, नृत्य एवं नाटक का मिश्रित रुप देखने को मिलता है । भांड जाति के पेशेवर कलाकारों द्वारा कुचामनी लोक नाट्य शैली के रुप मे ग्रामीण आंचल में लाखो लोगों का मनोरजंन किया जाता है। कुचामनी ख़याल परम्परा लगभग 2-3 शताब्दीयों पूर्व मेड़ता और नागौर श्रेत्र मं विकसित हुई हैं। मनोरंजन के श्रेत्र में फिल्मो के आगमन के बाद इस नाट्य शैली की परम्परा घटती चली गयी और आज कुछ ही कलाकार दस नाट्य परम्परा को जीवित रखे हुये हैं। इस लोक नाट्य शैली मे गायन की परम्परा के अंतर्गत राग माँड का प्रयोग किया जाता रहा है। माँड की इस गायन शैली में लावणी माँड के रुप मे अत्यधिक प्रचलित है। इस मीडिया मे लोक नाटक मे चैधरी का ठाकुर पूरणमल को धर के समाचार कहना और पूरणमल द्वसास गायों और भेसियों का दुध नही निकाने की बात करना। साथ मे लोक वाद्य नगारा और धूंधरु की रोमाचक स्वर लहरीं। The recordist of this event is Manohar Lalas. |
File Size | 23271532 |
File Format | MP2 / MPA / MP3 |
Language | Rajasthani |
Access Restriction | Open |
Rights Holder | Rupayan Sansthan (RS) |
Subject Keyword | An Oral History Book Desert Documentation Folk Song Folk Theatre Komal Kothari Raja Harishchandra Rajasthan Rustom Bharucha |
Content Type | Audio |
Resource Type | Music |