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Folk Tales and Devotional Music
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1990-12-03 |
Description | श्री गणेश जी की स्तुति। लोक कथा - बगड़ावत जिसमे धुणा पर बगड़ावतो को महादेव जी का मिलना और बगड़ावतेो का माया देना, अर्थावणा। सारे भाईयो का इकटठा होना व माया को खर्चने का उपाय पता करना, अर्थावणा। माया नागपहाड़ में गाडना, अर्थावणा। माया को गाडने की बात करना, अर्थावणा। कुवा व बावड़ी खुदाने की बात करना, अर्थावणा। माया को हाथ का मेल बताने की बात, अर्थावणा। माया के यहाँ पर ही खर्च करना व साथ में कुछ न जायेगा, रावण भी सबकुछ छोड़ गया। राजा भोज के सिंगार का वर्णन, अर्थावणा। भोज के साथ दूसरे राजा महारा द्वारा चढाई करना। राजा भेोज द्वारा रेण मे पहुचना व पणघट पर जाना, अर्थावणा। बगड़ावतो द्वारा बाग में जाना व माली को लोभ देकर दरवाजा खोलना, अर्थावणा। माली द्वारा बाग का दरवाजा नही खोलना, अर्थावणा। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Oral Traditions |
Content Type | Audio |