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Folk Songs by Sansi Women
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1988-12-06 |
Description | लोकगीत - सोने रो बाजोटीयो ने मोती सू जडीयो। लोकगीत - थारे गेणलौ लायो ऐ बाछक बन्नी। लोकगीत - थारै सालूड़ा होवे तो आईजो रै। लोकगीत - चार चार सालूड़ा घर में पड़ीया। लोकगीत - बीबी बाई बुझे बीरा ओ बाबुजी। लोकगीत - सावण आयो बीरा भादवे। लोकगीत - ऐक पईसा री काचली बीरा। लोकगीत - माजी अस्सी कली रो घाघरो। लोकगीत - सातू बहना कियो रे विचार। लोकगीत - दोय घड़ी सूरज ढाबो गोरी री बन्ना जी बाई बाग। लोकगीत - झीणी झीणी काढो ऐ तिजणिया बैन। लोकगीत - इण संसार में ओस गेरो पाणी। लोकगीत - बन्नी केजो बाबलजी ने जाय जादी रा । लोकगीत - बालमजी कुण हेरो रै। लोकगीत - डुगर उपर डूंगरी जिस पर हल्दी रो रुख। लोकगीत - बीरा रीमा झीमा होये। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Oral Traditions and Folk Music |
Content Type | Audio |