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Rajasthani Folk Tale on Gopichand (Vol. IV)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1987-08-01 |
Description | लोकवाद्य चिकारा के साथ गोपीचंद की कथा का वर्णन चंपादे द्वारा अपनी मा से गोपीचंद के बारे में भेद बूझना व अर्थावणा। चंपादे द्वारा अपने भाई गोपीचंद को ढुढने जाना, अर्थावणा। चंपादे व गुरु गोरखनाथ के बीच वार्ता का वर्णन व गोपीचंद से चंपादे को मिलवाना। चंपादे द्वारा वचन लेकर अपने देश जाना। गुरु का सभी चेलो के साथ भात भरने की तैयारी करना। चंपादे के यहा भात भरकर गुरु समेत सभी चेलो का अलोप होना। लोकवाद्य मशक पर गोपीचंद कथा प्रारम्भ से व माता द्वारा जोग फकीरी का रुप धारण करने की बात कहना। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Oral Traditions |
Content Type | Audio |