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Seminar on Drought (Vol. IX)
Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
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Spatial Coverage | 1987-09-16 |
Description | रुपायन संस्थान में आयोजित कार्यशाला भाग 9ः राजस्थान लोक कलाकारो की प्रस्तुति - लोकवाद्य मुरली की लोक धुन, लोकवाद्य पुंगी पर लोक धुन, लोक गीत प्रित करी सुख कारणे प्रित करया दुख होय से तो लियो रे सावरिया ने मोल। लोकवाद्य कमायचा के साथ लोकगीत किण रो भदावो रे म्हारे राज, लोकवाद्य सारंगी के साथ रमता ने काजल टीकी लायदा ऐ म्हारी माय। लोकगीत म्हारा जोधाणा केसरिया रंग। लोकवाद्य कमायचा के साथ लोकगीत बालम जी म्हारा झीरमीर बरसे मेध आप बसो परदेेश। लोकगीत - बन्सी रा बजायो। लोकवाद्य खड़ताल पर लोकधुन। लोकवाद्य कमायचा पर लोकधुन। लोकगीत - बारस ने बुधवार पूनम ने घडिया लाखे रे। लोकगीत - लाख रे म्हारा राज। लोकगीत - बधावो। लोकगीत - जोशी घर लिगनिया लिखावा। लोकगीत - सूरमा रा हेडाऊ आवो नी राखो। |
Access Restriction | Open |
Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
Subject Keyword | Folk Music |
Content Type | Audio |