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Jasma Odhan
| Content Provider | Internet Archive: Cultural Resources of India |
|---|---|
| Spatial Coverage | 1985-12-17 |
| Description | Jasma Odhan is a female love legend famous in Rajasthan and Gujarat. Jasma Odhan and her husband belonged to the landlord class. Jasma was called as Jasmarani -the princes of a place called Tambavati and Ratanlal was a landlord of Surat Khamaich. Ratanlal was fond of hunting and official works. Hence he was not able to give time to Jasmarani. Later on they adopted the “Odh” work in which men and wives work together on sand fields. Jasma’s legendery beauty was a talk of the town. The king of Jeetnagar , infatuated with her beauty, wanted to abduct and marry her. However, he failed to do so as Jasma chose to remain true to her only love-her husband.The story has been narrated in various episodes like: Narration of the beauty of Jasma and her love for her husband, The love sick king of Jeetnagar, etc. The tale of Jasma Odhan subverts and affirms the traditional values of society through its female hero, Jasma. The tale gives an edge to a woman’s love over a man’s love. The Langa singers narrate the story musically, being accompanied by Sarangi. The narrative is structured like “dohas” or couplets.इतिहास मे मुमल को दो रुपो मे पाई जाती है। प्रथम यह की गुजरात के राजा सोलंकी के महल मे एक सुन्दर दासी थी और दासी पर आकर्शित होकर राजा ने उस दासी को राजरानी बना दिया। कालान्तर मे राजा ने उस दासी से नाराज होकर उसे महल से बाहर निकाल दिया परन्तु उसको दिया हुआ धन वापस नही लिया। उस धन को लेकर वा लुदरवा देश चली आई जहाँ पर महेन्द्र से प्रेम हो गया लेकिन कहानी का दुखद अंत हुआ। दुसरी मान्यता के अनुसार राजपूत जाति मे भाटी के राजा लुदरवा के राज्य के राजा की बेटी थी जो अपने पिता की मृत्यु के बाद शासक बनी । मुमल संगीत और नृत्य कला मे निपुर्ण थी। मुमल ने प्रण कर रखा था कि जब तक संगीत, साहित्य और कला के युद्ध कौशल मे उसके बराबर का कोई पुरुष नही मिलेगा तब तक वह विवाह नही करेगी। उमरकोठ का सोढा राजा ऐसा ही पुरुष था जेसा मुमल चाहती थी। एक बार राणा महेन्द्रा अपने बहनोई हमीर के साथ रास्ता भटक जाते है और लुदरवा आ जाते है जहाँ मुमल से उसकी पहली भेट हुई। मुमल महेन्द्र को अपने महल बुलाती है जहाँ पर महेन्द्र का सामना जगली पशुओं से होता है और वो विजयी होता है । मुमल के रुप को देखकर महेन्द्र ने लोक वाद्ध से मुमल के रुप का वर्खाण किया। मुमल भी महेन्द्र को प्रेम करने लगी। महेन्द्र की 8 रानियों को यह सब रास नहीं आया। महेन्द्र की 8 रानियों ने विभिन्न षडयंत्र रचे और मुमल महेन्द्र के प्रेम मे बाधा डालने के भरसक प्रयास किया। अंत मे महेन्द्र जब मुमल के महल पहुचा तो वहाँ देखा की कोई ओर पुरुष वहा सोया हुआ है परन्तु वह यह नही जानता था की असल मे वहाँ पुरुष नही बल्कि मुमल की छोटी बहन पुरुष को वेष धारण करके सो रही थी। लेकिन महेन्द्र को वहम हो गया कि मुमल ने महेन्द्र को धोखा दिया। मुमल ने महेन्द्र को मनाने और असलियत बताने का भरसक प्रयास किया लेकिन विफल रही। अंत मे मुमल जब महेन्द्र से मिलने गयी तो महेन्द्र ने सेवको से कहा कि कह दो मुमल से की महेन्द्र को सांप डस गया वो नही रहा। सेवको ने जब मुमल को यह सब कहा तो मुमल के प्राण पखेरु उड़ गये। महेन्द्र को जब पता चला कि मुमल ने अपने प्राण त्याग दिया तो महेन्द्र पागल हो गयो मुमल कि याद में। |
| Access Restriction | Open |
| Rights License | http://creativecommons.org/licenses/by-nc/4.0/ |
| Subject Keyword | Oral Tradition |
| Content Type | Audio |